ना देखी सुबह की पहली किरण, ना शाम का सुहाना वातावरण
ना देख पाया तेरी इस सुंदर दुनिया को, ना ही आया प्रभु तेरी शरण |
Desire is like playing with fire, burns you down but propels you higher.
ना देखी सुबह की पहली किरण, ना शाम का सुहाना वातावरण
ना देख पाया तेरी इस सुंदर दुनिया को, ना ही आया प्रभु तेरी शरण |
It has been a run all these years, never looked back
Sometimes I wish though I could, I really do…
“Gosh! Look at all these memories return…
It has wings, trust me, time just flew!”